जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने ‘कैच द रेन‘ अभियान के जिले में एक समस्याग्रस्त गांव को चयनित कर उसमें जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। ताकि इस गॉंव को जल संरक्षण के मॉडल गॉंव के रूप में विकसित किया जा सके। जिलाधिकारी ने जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक बैठक में ‘कैच द रेन‘ अभियान के तहत जल संरचनाओं हेतु प्रस्तावित कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए जल संरक्षण से संबंधित प्लान तैयार किए जाने के संबंध में अधिकारियों से विचरा-विमर्श किया। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण के लिए विभिन्न विभाग के स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को समन्वित रूप से संचालित किया जाए और कलस्टर आधारित कार्यक्रम चलाए जांय। जिलाधिकारी ने चाल-खाल को संरक्षित व पुनर्जीवित करने के लिए जन सहयोग से कार्य किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि भूमिगत जल स्रोत रिचार्ज करने के उपायों पर प्रभावी कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि चैक डैम एवं पशु चरियों के निर्माण एवं रख-रखाव पर भी ध्यान दिया जाय। शहरी क्षेत्रों में भी पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था हेतु उपयुक्त स्थानों पर ‘चरी‘ बनाई जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि जल संचय अभियान के अंतर्गत जिले में एक लाख पौध रोपण करने का लक्ष्य है जिसे हासिल करने में सभी विभाग तत्परता से सहयोग करेंगे। उन्होंने इस अभ्ंिायान में नींबू, बनार एवं पपीता जैसी प्रजाति के फलदार पौधों के कलस्टर आधारित रोपण किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस तरहे के प्रयासों से स्थानीय लोगों की आजीविका के स्रोतों को भी बढाया जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यावरण एवं जल संरक्षण के नजरिए से खुरमोला गाड क्षेत्र के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। जिसमें राड़ी से लेकर धरासू तक खुरमोला गाड के जलागम क्षेत्र में वानिकी एवं जल संरक्षण से संबंधित कार्य किए जाएंगे। इस योजना को कामयाब बनाने के लिए सभी विभाग अपनी तैयारी पूरी कर लें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी डी.पी. बलूनी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आर.सी.एस.पंवार, परियोजना निदेशक डीआरडीए रमेश चन्द्र, मुख्य कृषि अधिकारी जे.पी. तिवारी, अधिशासी अभियंता (सिंचाई) जे.एस.रावत सहित विभिन्न विभाग उपस्थित रहे।