उत्तरकाशी पुलिस द्वारा गत 01 फरवरी से “ऑपरेशन कामधेनु” चलाया जा रहा है, ऑपरेशन का उद्देश्य सड़को पर आवारा घूमने वाले पशुओ की रोकथाम करना है। सभी पशुपालक 15 फरवरी तक अनिवार्य रुप से अपने-अपने पालतु पशुओं (गाय,भैंस, बछड़ा आदि) का पशुपालन विभाग से रजिस्ट्रेशन कर टैगिंग करवा लें। 15 फरवरी के बाद ऑपरेशन कामधेनु के दूसरे चरण में चैकिंग अभियान चलाया जायेगा, जिसमें पुलिस व नगरपालिका द्वारा रोड़ पर घुमने वाले आवारा पशु स्वामियों के खिलाफ चालानी कार्रवाई के साथ-2 बिना टैगिंग वाले पशुओं को गोशाला भेजने की कार्यवाही की जायेगी। पालतु पशुओ को आवरा छोड़ना उत्तराखण्ड गो वंश अधिनियम व पशु क्रुरता निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है, जिसमें दो हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
प्रायः कुछ लोग अपने दुधारू पशुओं को दुध न देने की स्थिति में आवरा छोड़ देते है, अपने स्वार्थ के लिये दुध के लिये ही पशुओ की देखभाल करते हैं, जो कि बिल्कुल ही अमानवीय कार्य एवं पालतु पशुओं के साथ क्रुरता है। पशुओं को रोड़ पर आवरा छोडने से उनकी जान का जोखिम होने के साथ-साथ यातयात प्रभावित एवं सड़क दुर्घाटनाओं की सम्भावना बढ़ जाती है।
कृपया सभी पशु पालक अपनी नैतिक जिम्मेंदारियों को समझें व अपने पशुओं की लगातार देख रेख करें, पशुओं को रोड़ पर आवरा न छोडे, पालतु पशु हमारे परिवार का एक अभिन्न अंग है, उनकी देख रेख करना हम सभी की जिम्मेंदारी है ।