शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा की शुरुआत करते हुए पहले माँ यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव में रात्रि प्रवास के बाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ने यमुना मंदिर के साथ साथ सोमेश्वर महाराज और राजराजेश्वरी देवी के भी दर्शन किए।
इस दौरान शंकराचार्य जी महाराज ने गांव में भ्रमण किया फिर माँ यमुना जी की पूजा आरती करके सबको अपने आशीर्वचन दिए। शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा के दूसरे पडाव उत्तरकाशी में शंकराचार्य जी महाराज का भव्य अभिनन्दन और आशीर्वचन सबको प्राप्त हुआ। रात्रि विश्राम उत्तरकाशी के विश्वनाथ संस्कृत महाविद्यालय, उजेली में करने के बाद 29 दिसम्बर को माँ गंगा जी के शीतकालीन पूजा स्थली मुखवा गांव पहुँचे, जहां पर स्थानीय पुरोहितों, आचार्यों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
पहुंचते ही गर्भगृह में गंगा मैया की महापूजा शंकराचार्य जी महाराज ने सम्पन्न की। विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के माध्यम से भगवती की उपासना की के बाद मंचासीन शंकराचार्य जी महाराज का आशीर्वचन सभी भक्तों को प्राप्त हुआ। जहाँ उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन यात्रा में केवल एक गुणा पुण्य मिलता वही शीतकाल यात्रा में देव दर्शन से दस गुणा अधिक पुण्य मिलता है। शीतकालीन यात्रा के अगले पड़ाव के लिये शंकराचार्य जी महाराज आज ऊखीमठ के लिये प्रस्थान कर चुके है।
ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी