कृषि आधारित उद्योगों पर मण्डी शुल्क में छूट को लेकर कृषि मंत्री से मिला चैंबर ऑफ कॉमर्स का प्रतिनिधिमंडल
A delegation of the Chamber of Commerce met the Agriculture Minister regarding exemption in market fee on agriculture based industries

*कृषि आधारित उद्योगों पर मण्डी शुल्क में छूट को लेकर कृषि मंत्री गणेश जोशी से मिला चैंबर ऑफ कॉमर्स का प्रतिनिधिमंडल*
देहरादून, 29 जुलाई। प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी से आज उनके कैंप कार्यालय में कुमाऊं गढ़वाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष पवन अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में कार्यरत कृषि आधारित उद्योगों पर लागू मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर को उत्तर प्रदेश की तर्ज पर युक्तिसंगत बनाए जाने की मांग रखी।
प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड में वर्तमान मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर की दरें उत्तर प्रदेश की तुलना में अधिक हैं, जिससे कृषि आधारित उद्योगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के अधिकांश राइस मिल, फ्लोर मिल, फ्रोजन फूड, मसाला प्रसंस्करण एवं प्लाईवुड उद्योगों को स्थानीय स्तर पर पर्याप्त कच्चा माल नहीं मिल पाता, जिसके चलते उन्हें बाहरी राज्यों से आयात करना पड़ता है।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जहां उत्तर प्रदेश सरकार ने मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर की दरें घटाकर 1.5 प्रतिशत कर दी हैं, वहीं उत्तराखंड में यह दरें 2.5 प्रतिशत हैं। उन्होंने मांग की कि उत्तराखण्ड में मण्डी शुल्क को घटाकर 1 प्रतिशत एवं विकास उपकर को 5 प्रतिशत किए जाने पर विचार किया जाए, ताकि उद्योगों को राहत मिल सके और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिले।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों, किसानों एवं औद्योगिक विकास के हित में कार्य कर रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन एवं निवेश संवर्धन को दृष्टिगत रखते हुए मण्डी शुल्क एवं विकास उपकर से संबंधित मांग पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।