उत्तराखंड

छठवां राज्य वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के 5 वर्षीय विकास पर किया मंथन

The Sixth State Finance Commission deliberated on the 5-year development of Gram Panchayats and Municipal bodies.

छठवां राज्य वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के 5 वर्षीय विकास पर किया मंथन।

मा.​अध्यक्ष एन.रविशंकर ने कहा- बजट खर्च करने में पंचायतों और निकायों को पूरी स्वतंत्रता। क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने मानदेय देने की,सिफारिश।

छठवां राज्य वित्त आयोग उत्तराखंड के अध्यक्ष एन.रविशंकर की अध्यक्षता में बुधवार को जिला सभागार में नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ संवाद हुआ। आगामी पाँच वर्षों के लिए ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के सुनियोजित विकास, विभिन्न विकासात्मक योजनाओं और उनके वित्तीय स्रोतों की उपलब्धता पर विस्तृत चर्चा की गई।

​पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित बैठक में राज्य सरकार के निजी संसाधनों से ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के समग्र विकास के लिए आवश्यक धनराशि के आवंटन की योजना पर विचार किया गया। आयोग ने योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त किए। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने इस दौरान प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जनपद के समग्र विकास के लिए विभिन्न सेक्टरों में आवंटित धनराशि का विस्तृत ब्यौरा दिया और जनपद की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में भी अवगत कराया।

​नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की जिज्ञासाओं का प्रतिउत्तर देते हुए मा. अध्यक्ष एन. रविशंकर ने स्पष्ट किया कि आयोग की ओर से बजट खर्च करने को लेकर ग्राम पंचायतों और नगर निकायों पर कोई पाबंदी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें और नगर निकाय अपने विवेक पर सुनियोजित विकास के लिए धनराशि खर्च कर सकते हैं। ​संवाद के दौरान नव-निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने आयोग से ग्राम प्रधान की तर्ज पर मानदेय दिए जाने की सिफारिश की। इस पर अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि प्राप्त सभी सुझावों और सिफारिशों को विचारार्थ राज्य सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रेरित किया और अधिकारियों से विकास योजनाओं को ज़मीन पर उतारने के लिए निरंतर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

​आयोग के सदस्य (सेवानिवृत्त आईएएस) जंगपांगी ने नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सलाह दी कि वे पंचवर्षीय योजना का खाका खींचने के साथ ही वार्षिक योजना के तहत विकास कार्य करें,ताकि ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में सुनियोजित विकास हो सके। आयोग के सदस्य एमसी जोशी ने संविधान में निहित पंचायत राज व्यवस्था और 73वें संशोधन पर प्रकाश डाला।

​इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत रमेश चौहान,लॉक प्रमुख राजदीप परमार,ममता पंवार,रणबीर सिंह महंत,रणदेव सिंह राणा सीडीओ जय भरत सिंह,एसडीएम शालनी नेगी, एडीपीआरो नवीन नोटियाल सहित अन्य अधिकारी एवं नव-निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान आदि उपस्थित रहे।

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