यात्रा व्यवस्था का सकारात्मक निर्णय न होने पर 31 मई को गंगा घाटी बंद व चक्का जाम करने का ऐलान, पढ़े पूरी खबर
If there is no positive decision on the travel arrangements, Ganga valley will be closed and road blockade will be done on 31st May, read the full news
आज चारधाम होटल एसोसिएशन के तत्वावधान मे होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी द्वारा जिलाधिकारी उत्तरकाशी एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया जिसमें अध्यक्ष श्री अजय पुरी द्वारा यमुनोत्री मे धारा 144 को शर्मनाक बताया साथ ही चारधाम यात्रा मे 17-18 दिन बाद ही अप्रत्याशित गिरावट की बात कही गई है जिससे सभी धामों मे सन्नाटे वाली स्थिति हो गई है। पंजीकरण ना होने से जहां यात्रियों को हरिद्वार ऋषिकेश से वापस भेजा जा रहा है जिस कारण होटेलों की बुकिंग भी निरस्त हो रही है. एसोसिएशन ने आरोप लगाया की बिना तैयारी के शासन द्वारा आनन फानन मे यात्रा से 22 दिन पहले पंजीकरण खोला गया, जब की चारधाम की बुकिंग नवंबर दिसम्बर से शुरू हो जाती है. यात्रियों को यात्रा मार्गों से ना भेज कर लंबे मार्गों से भेज कर यात्रीयो को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है जिससे यात्रा मार्गों पर स्थानीय लोगों द्वारा खोले छोटे छोटे होटल ढाबे वालों का रोजगार चौपट हो गया है सरकार से मांग की गई है 30 मई तक हरिद्वार ऋषिकेश मे ऑफ लाइन पंजीकरण को खोल दिया जाए एवं जो यात्री हरिद्वार ऋषिकेश तक आ रहा है उसका पंजीकरण कर यात्रा पर भेजा जाए। वहीँ होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी के अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र मटूडा द्वारा बताया गया की स्थानीय स्तर पर हम प्रशासन की हर सम्भव मदद को तैयार है लेकिन यात्रीयो को जगह जगह ना रोका जाए, जब यात्रियों की पूरी जांच एक बार हरिद्वार मे हो रही है फिर जगह जगह रोकने का कोई औचित्य नहीं साथ ही जिन यात्रीयो की होटल बुकिंग है उन्हें रात्री मे भी होटल तक जाने दिया जाए. सभी ने उम्मीद जताई कि उनकी बातों पर शासन प्रशासन 30 मई तक कोई सकारात्मक निर्णय लेगा अन्यथा 31 मई को गंगा घाटी के होटल ढाबे और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे एवं चक्का जाम किया जाएगा. जिसमें टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष, बस यूनियन के अध्यक्ष श्री गजपाल रावत और व्यापार मंडल अध्यक्ष श्री रमेश चौहान आदि द्वारा भी समर्थन दिया गया है . ज्ञापन देने वालों मे चारधाम होटल एसोसिएशन अध्यक्ष श्री अजय पुरी, होटल एसोसिएशन उत्तरकाशी अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र मटूडा सचिव सुभाष सिंह कुमाईं आदि लोग शामिल थे।