सरनौल गांव के माता रेणुका मंदिर प्रांगण में स्व श्री हरिकृष्ण सेमवाल की पुण्य स्मृति में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन
श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव को बड़े धूमधाम से मनाया गया तथा श्रद्धालु खूब नाचे झूमे।श्री कृष्ण जन्म महोत्सव के बाद कथा में उपस्थित कथा श्रोताओं ने माखन मिश्री का प्रसाद प्राप्त किया।
सरनौल गांव के माता रेणुका मंदिर प्रांगण में स्व श्री हरिकृष्ण सेमवाल की पुण्य स्मृति में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास शिव प्रसाद नौटियाल शास्त्री ने समुद्र मंथन से निकले विभिन्न तत्वों की कथा का वर्णन किया तथा प्रसाद के महत्व को बताते हुए कहा है कि समुद्र मंथन में निकले बिस को भी भगवान शंकर ने प्रसाद समझकर पिया, जिससे भगवान शंकर का कंठ नीला पड़ गया, तब से भगवान शंकर नीलकंठ महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
अंत मे श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि कंस की कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उनका लालन-पालन नंदबाबा के घर में हुआ। इसलिए नंदगांव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान कृष्ण जन्म की खुशी में कथा स्थल को विशेष रूप से सजाकर माखन मिश्री का प्रसाद वितरण किया गया तथा भक्तों ने श्री कृष्ण जन्महोत्सव मनाया।
कथा में श्रीमती भरोसी पत्नी स्व हरिकृष्ण सेमवाल, सुनीता सेमवाल, मीरा सेमवाल, सुषमा सेमवाल, अनुजा सेमवाल, सारदा देवी, पुष्पा सेमवाल, संगीता सेमवाल, अंजना डिमरी, पूनम नौटियाल, संतोषी नौटियाल, कुलवंती लोहनी आदि ग्रामवासियों ने कथा श्रवण करने पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया। कथा श्रवण में ग्राम प्रधान सरिता चौहान, अनिल लोहनी, रामप्रसाद सेमवाल, देवेंद्र सेमवाल, जगमोहन राणा, रणवीर राणा, उपेंद्र चौहान, प्रवीन राणा, शीशपाल सिंह, शैलेंद्र चौहान, मुकेश उनियाल, सुशील लोहनी सहित बड़ी संख्या में कथा स्रोता उपस्थित रहे।